श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को दिहाड़ी मजदूरों को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि इसे लेकर चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में कमेटी बनी है। जिसे हमने छह महीने का वक्त दिया है। इन छह महीनों में पूरी प्रक्रिया को संपन्न कर लिया जाएगा।
उन्होंने विपक्षी पार्टियों के संदर्भ में कहा कि उनका काम ही विरोध करना है, उन्हें करने दीजिए। जब नाम ही विरोधी दल है, तो वो विरोध करेंगे ही। हम उनसे तारीफ की उम्मीद नहीं कर सकते हैं। हम लोग भी विरोधी दलों के खेमे में रहे हैं, तो हमने भी विरोध किया है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने इंडिया की जगह भारत नाम करने की मांग की है। इस पर उमर अब्दुल्ला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हम इसे भारत कहते हैं, इंडिया कहते हैं, हिंदुस्तान कहते हैं। इसके तीन नाम हैं। आप इसे जिन नाम से पुकारना चाहते हैं, पुकारे। वजीर-ए-आजम के जहाज पर भारत भी लिखा है और इंडिया भी लिखा है।
उन्होंने कहा कि कई जगहों पर इंडिया भी लिखा है, भारत भी लिखा है। जब हम सारे जहां से अच्छा गाते हैं, तो उस वक्त हम अलग नाम का इस्तेमाल करते हैं। आप जिस नाम से पुकारना चाहते हैं, पुकार सकते हैं।
इससे पहले तीन मार्च को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा में कहा था, "कश्मीरी पंडितों को वापस लाने के बारे में बहुत कुछ कहा गया है। लेकिन अगर इसे हकीकत बनाने के लिए कोई ठोस कदम उठाया गया, तो वह डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान उठाया गया। उस समय, हमारी गठबंधन सरकार के तहत, हमने उनके लिए नौकरी में आरक्षण लागू किया और उन्हें कश्मीर लौटने और यहां फिर से बसने के लिए प्रोत्साहित किया।
विधानसभा की कार्यवाही पर मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था कि आज एलजी मनोज सिन्हा ने विधानसभा में अभिभाषण दिया। जम्मू-कश्मीर के हित में जो भी मुद्दे हैं, उन्हें विधायकों के द्वारा उठाया जाएगा।